Sunday, October 3, 2010

धन समृद्धि के पुख्ता इंतजाम होंगे इससे

पूरे साल भर बाद पुन: वही दुर्लभ मुहूर्त आ चुका है जिसका हर क्षेत्र के साधकों को उत्कंठापूर्ण इंतजार रहता है। अक्षय तृतीया का सुभ मुहूर्त है। अक्षय तृतीया की इसी गरिमा और प्रतिफल को देखते हुए इसे चार स्वयं सिद्ध मुहूर्तों में शामिल किया गया है। सांसारिक जीवन की सर्वप्रमुख आवश्यकता धन संपदा ही है। इस अनिवार्य आवश्यकता की पूर्ति के लिये इंसान को दुर्धस पुरुषार्थ तो अवश्य ही करना चाहिये। किन्तु तरकीब भी कोई चीज होती है इससे कोई इंकार नहीं कर सकता है। तो आइये जांची-परखी तरकीबों को आजमा कर देखें-प्रयोग विधि-
अक्षय तृतीया की रात्रि को साधक लाल लंगोट पहने। साधक का आसन भी लाल वर्णीय हो। इस आसन पर खड़े होकर निम्र मंत्र का ११ माला जप करे। इस साधना के बाद अगले ५१ दिनों तक हर हाल में सूर्योदय से पूर्व उठकर उगते हुए सूर्यदेव और पीपल के वृक्ष को जल चढाये ।

मंत्र-अघोर लक्ष्मी मम गृहे आगच्छ स्थापय तुष्टय पूर्णत्व देहि देहि फट्।
धन समृद्धि के पुख्ता इंतजाम होंगे इससे आपके घर में।

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