Sunday, October 3, 2010

कैसे निकले कर्ज के जंजाल से

कर्ज एक ऐसा दलदल है, जिसमें एक बार फंसने पर व्यक्ति उसमें धंसता ही चला जाता है। उससे उबरने का और कोई रास्ता नजर नहीं आता। वर्तमान समय में हर वस्तु के लिए कर्ज मिलना आसान हो गया है। अत: व्यक्ति फैशन के दौर में दिखावे के लिए कर्ज के जाल में उलझ जाता है। फिर उसको कोई उपाय नहीं सूझता और वह गलत कदम उठा लेता है।ज्योतिष शास्त्र में षष्ठ, अष्टम, द्वादश स्थान एवं मंगल ग्रह को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है। मंगल के कमजोर होने, पापग्रह से युक्त होने, अष्टम, द्वादश, षष्ठ स्थान पर नीच या अस्त स्थिति में होने पर जातक सदैव ऋणी बना रहता है। ऐसे में यदि उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़े तो कर्ज तो होता है पर वह बड़ी मुश्किल से चुकता होता है। शास्त्रों में मंगलवार और बुधवार को कर्ज के लेन-देन के लिए निषेध किया है। मंगलवार को कर्ज लेने वाला जीवन पर्यंत ऋण नहीं चुका पाता तथा उसकी संतानें भी कर्जों में डूबी रहती हैं।
कर्ज निवारण के उपाय:
- शनिवार को ऋणमुक्तेश्वर महादेव का पूजन करें।
- मंगल की भातपूजा, दान, होम और जप करें।
- मंगल एवं बुधवार को कर्ज का लेन-देन न करें।
- लाल, सफेद वस्त्रों का अधिकतम प्रयोग करें।

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